印度在太平洋地区的战略战略:在四方会谈的特殊背景下

डॉ दीपक कुमार दिनकर
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और गंतव्य भी है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र दुनिया की कई महत्त्वपूर्ण एवं बड़ी आपूर्ति शृंखलाओं संबंधित है। भारतीय और प्रशांत महासागरों में संयुक्त रूप से समुद्री संसाधनों का विशाल भंडार है, जिसमें अपतटीय हाइड्रोकार्बन, मीथेन हाइड्रेट्स, समुद्री खनिज और पृथ्वी की दुर्लभ धातु शामिल हैं। बड़े समुद्र तट और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) इन संसाधनों के दोहन के लिये तटीय देशों को प्रतिस्पर्द्धी क्षमता प्रदान करते हैं। दुनिया की कई सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थित हैं, जिनमें भारत, यू.एस.ए, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड को ‘स्वतंत्र, खुले और समृद्ध’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिये चार देशों के साझा उद्देश्य के रूप में पहचाना जाता है। क्वाड भारत, अमेरिका, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया की संयुक्त रूप से अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता है। 13वीं ईस्ट एशिया समिट के दौरान ही क्वाड सम्मेलन का भी आयेाजन किया गया था। यह क्वाड सम्मेलन मुख्यत: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अवसंरचनात्मक परियोजनाओं एवं समुद्री सुरक्षा योजनाओं पर केंद्रित था। यद्यपि समूह का घोषित लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र की समृद्धि व खुलेपन से संबंधित है, किंतु इसका मुख्य लक्ष्य बेल्ट रोड पहल के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी दबदबे को नियंत्रित करना है।","PeriodicalId":224306,"journal":{"name":"International Journal of Sociology and Humanities","volume":"228 1","pages":"0"},"PeriodicalIF":0.0000,"publicationDate":"2023-01-01","publicationTypes":"Journal Article","fieldsOfStudy":null,"isOpenAccess":false,"openAccessPdf":"","citationCount":"0","resultStr":"{\"title\":\"हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सामरिक रणनीति : क्वाड के विशेष संदर्भ में\",\"authors\":\"डॉ दीपक कुमार दिनकर\",\"doi\":\"10.33545/26648679.2023.v5.i2a.54\",\"DOIUrl\":null,\"url\":null,\"abstract\":\"हिंद महासागर और प्रशांत महासागर क्षेत्र के कुछ भागों को अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति के अध्ययन विषय में संयुक्त रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र इकीसवीं सदी में भू-राजनीतिक क्षेत्र में विश्व की विभिन्न शक्तियों के मध्य कूटनीति एवं संघर्ष का मुख्य केंद्र बन गया है। इसका कारण यह है की हिंद 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摘要

在国际地缘政治研究中,印度洋和太平洋地区的某些部分被联合称为印度洋-太平洋地区。在21世纪,地缘政治已成为世界不同力量之间外交和斗争的焦点。这是因为印度洋和太平洋提供了海上航线。世界上大部分的商业活动都是通过这两个大洋进行的。印太地区是世界上人口最多、经济最活跃的地区之一,由亚洲、非洲、澳大利亚和美洲四大洲组成。印太地区的活力和活力是不言而喻的,该地区拥有世界60%的人口和全球2/3的经济生产,是全球经济中心。该行业也是外国直接投资的重要来源和目的地。印度-太平洋地区是世界上最重要和最大的供应链之一。印度洋和太平洋共同蕴藏着巨大的海洋资源,包括近海碳氢化合物、甲烷水合物、海洋矿物和稀土金属。广阔的海岸和专属经济区为沿海国家利用这些资源提供了竞争能力。世界上许多最大的经济体都位于印度-太平洋地区。A由中国、日本和澳大利亚组成四方会谈被认为是四国的共同目标,以确保一个自由、开放和繁荣的印度洋-太平洋地区。四方对话是美国、日本和澳大利亚之间的联合非正式战略对话。四方会议是在第十三届东亚峰会期间召开的。四方会议主要集中讨论了印度洋-太平洋地区的基础设施项目和海洋安全计划。虽然该组织的明确目标是解决印太地区的繁荣和开放问题,但其主要目的是通过“一带一路”倡议控制中国在印太地区的压力。
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सामरिक रणनीति : क्वाड के विशेष संदर्भ में
हिंद महासागर और प्रशांत महासागर क्षेत्र के कुछ भागों को अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति के अध्ययन विषय में संयुक्त रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र इकीसवीं सदी में भू-राजनीतिक क्षेत्र में विश्व की विभिन्न शक्तियों के मध्य कूटनीति एवं संघर्ष का मुख्य केंद्र बन गया है। इसका कारण यह है की हिंद महासागर और प्रशांत महासागर समुद्री मार्ग प्रदान करता है। दुनिया का अधिकांश व्यापारिक गतिविधियाँ इन दोनों महासागरों के माध्यम से होता है। भारत-प्रशांत क्षेत्र दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले और आर्थिक रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है जिसमें चार महाद्वीप शामिल हैं: एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका। हिंद-प्रशांत क्षेत्र की गतिशीलता और जीवन शक्ति स्वयं स्पष्ट है, दुनिया की 60% आबादी और वैश्विक आर्थिक उत्पादन का 2/3 भाग इस क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक केंद्र बनाता है। यह क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक बड़ा स्रोत और गंतव्य भी है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र दुनिया की कई महत्त्वपूर्ण एवं बड़ी आपूर्ति शृंखलाओं संबंधित है। भारतीय और प्रशांत महासागरों में संयुक्त रूप से समुद्री संसाधनों का विशाल भंडार है, जिसमें अपतटीय हाइड्रोकार्बन, मीथेन हाइड्रेट्स, समुद्री खनिज और पृथ्वी की दुर्लभ धातु शामिल हैं। बड़े समुद्र तट और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) इन संसाधनों के दोहन के लिये तटीय देशों को प्रतिस्पर्द्धी क्षमता प्रदान करते हैं। दुनिया की कई सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थित हैं, जिनमें भारत, यू.एस.ए, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड को ‘स्वतंत्र, खुले और समृद्ध’ हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिये चार देशों के साझा उद्देश्य के रूप में पहचाना जाता है। क्वाड भारत, अमेरिका, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया की संयुक्त रूप से अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता है। 13वीं ईस्ट एशिया समिट के दौरान ही क्वाड सम्मेलन का भी आयेाजन किया गया था। यह क्वाड सम्मेलन मुख्यत: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अवसंरचनात्मक परियोजनाओं एवं समुद्री सुरक्षा योजनाओं पर केंद्रित था। यद्यपि समूह का घोषित लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र की समृद्धि व खुलेपन से संबंधित है, किंतु इसका मुख्य लक्ष्य बेल्ट रोड पहल के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी दबदबे को नियंत्रित करना है।
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Emergence of Bhadramahila: Re-reading the principal women characters in Tagore’s novel Gora Element of revenge and violence in Manohar Malgonkar’s A Bend in the Ganges महिलाओं के उत्पीड़न एवं शोषण के सम्बन्ध में वास्तविक स्थिति को जानने का एक प्रयत्न Electoral reforms Personality factors and conflict management among pastors in cherubim and seraphim church of Zion, Akure
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